उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते हैं, इस तरह जुदाई का ग़म मिटा लेते हैं, किसी तरह कभी ज़िक्र हो जाए उनका तो, हस कर भीगी पलके छुपा लेते हैं.
बीना जोखीम कुछ नहीं मीलता. और जोखीम वही उठाते हैं जो साहसी होते हैं”
जब हमें बोलना नहीं आता था तो माँ समझ जाती थी आज हम हर बात पर कहते हैं माँ तू नहीं समझेगी
कितनी झूठी होती हैं, मुहब्बत की कसमें देखो तुम भी जिंदा हो और मैं भी ...
कामयाब होने के लीए कई बार हमें जो है उसी में शुरुआत कर लेनी होती है, भले तैयारी पूरी ना हो क्योंकि यह इंतजार करने से काफी बेहतर है
भगवान सभी जगह नहीं हो सकते इसलीए उन्होंने माँ को बनाया
दिल ने कहा आँख से देखा करो कम क्योंकि देखते हो तुम, तड़पते हैं हम आँख ने कहा दिल से सोचा करो कम क्योंकि सोचते हो तुम, रोते हैं हम
कामयाब लोग अपने फैसले से दुनीया बदल देते है, और नाकामयाब लोग दुनीया के दर से अपने फैसले बदल लेते है
इंसान वो है जो उसे उसकी माँ ने बनाया है
आज फिर टूटेंगी तेरे घर की नाज़ुक खिड़कियाँ क्योंकि आज फिर एक दीवाना तेरे शहर में देखा गया हे
हारा तो मैं तब भी न था जब मैं वाकई में हार चुका था …अब तो खैर जीतने की एक आदत सी पड़ चुकी है
मैं करता रहा सैर जन्नत में रात भर सुबह उठकर देखा तो सर माँ के क़दमों में था