आज फिर टूटेंगी तेरे घर की नाज़ुक खिड़कियाँ क्योंकि आज फिर एक दीवाना तेरे शहर में देखा गया हे
उड़ा देती है नींदें कुछ जिम्मेदारियां घर की, रात में जागने वाला हर शख्स आशिक नहीं होता