आप खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी, आप के बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी, क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर, जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी.
गुसा और आँधी दोनो एक समान है। शांत होने के बाद ही पता चलता है की कीतना नुक़सान हुआ
यदी आप सही है तो, आपको गुस्सा होने की जरूरत नहीं. और यदी आप गलत है तो, आपको गुस्सा होने का कोई हक नहीं।
जो मन की तकलीफों को नहीं बता पता उसे ही क्रोध सबसे अधीक आता है
जीससे हम नाराज़ होते हैं वो इंसान हमारे दील और दीमाग दोनों में रहता है
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका साथ दे, आपसे बातें करें। उससे ज्यादा प्यार आपको कोई नहीं कर सकता।
कभी तुम नाराज हूए तो हम झुक जाएंगे कभी हम नाराज हो तो आप गले लगा लेना
तू नाराज़ ना रहा कर हमसे, तुझे वास्ता है उस खुदा का, एक तेरा चेहरा खुश देखकर तो हम अपना गम भुलाते है!