"कामयाबी" के सफर
में "धूप" का बड़ा महत्व
होता हैं,
क्योंकि "छांव" मिलते ही
"कदम" रुकने लगते है!!
ईश्वर के समक्ष केवल
प्रार्थना ही ना करे
बल्कि ध्यान भी लगाए।
प्रार्थना में हम
ईश्वर से बात करते हैं
जबकि ध्यान में
ईश्वर हमसे बात करते हैं।
मीठा झूठ बोलने से अछा है
कड़वा सच बोला जाए..
इससे आपको सचे दुश्मन
जरूर मीलेंगे लेकीन
झूठे लोग नहीं!
सारी दुनिया कहती है
हार मान लो लेकीन
दील धीरे से कहता है
एक बार और कोशीश कर
तू जरूर कर सकता है!!
नहीं मांगता ऐ खुदा की
जीदगी सौ साल की दे
दे भले चंद लम्हों की
लेकिन कमाल की दें….
जींदगी में जब भी आप
टूटने लगे तोह सबर रखना
क्यूंकी नीखरता वही है
जो पहले बीखरता है.
काँटों पर चलकर
फूल खीलते हैं,
वीश्वास पर चलकर
भगवान मीलते हैं.