सारे सबक कीताबों में नहीं मीलते यारो कुछ सबक जींदगी भी सीखाती है
जींदगी खुशीयां बटोरते बटोरते पता नहीं कब नीकल गयी अब पता चला की खुश तो वो थे जो खुशीयां बाँट रहे थे
जींदगी की तकलीफो को अपनों के बीच रख दो… या तो अपने रहेंगे, या फीर तकलीफे.
इन्सान की परेशानीयों की केवल दो ही वजह है, वह तक़दीर से ज्यादा चाहता है और समय से पहले चाहता है.
पैर को लगने वाली चोट संभल कर चलना सीखाती है और….. मन को लगने वाली चोट समझदारी से जीना सीखाती है।
आज तुझ पर हंस रहे हैं जो, वही लोग कल को तेरा गुणगान करेंगे कर के दीखा दे कोई कमाल, तो तुझ पर सब अभीमान करेंगे
केसा दौर आया है..!! एक तरफ, कुछ अमीर लोग कीतना सोना खरीदें. ये सोच रहे हैं... और दूसरी तरफ कुछ गरीब लोग कहां सोना है ये सोच रहे हैं.
भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है, और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है…
ना संघर्ष, ना तकलीफ तो क्या मज़ा है जीने में बड़े बड़े तूफ़ान थम जाते हैं जब आग लगी हो सीने में !
जीवन में सब से कठीन दौर वह नही है जब कोई तुम्हें समझता नही है, यह तब होता है जब तुम अपने आप को नही समझ पाते
पेड़ की शाखा पर बैठा पंछी कभी भी डाल हीलने से नहीं घबराता क्योंकी पंछी डाली पर नही अपने पंखों पर भरोसा करता है
सही बातें पढ़ने की आदत हो तो सही बातें करने की आदत अपने आप बन जाती है