છલકાઈ પછી જ તેની
સુંદરતા બહાર આવે
પછી એ પાણી હોયકે લાગણી
स्वयं को माचिस की
तीली न बनाएँ,
जो थोड़ा सा घर्षण
लगते ही सुलग उठे,
स्वयं को वह शांत
सरोवर बनाए,
जिसमें कोई अंगारा
भी फैंके तो,
वह खुद ही बुझ जाए